Sunday, October 16, 2011

त्रिवेणी



किसी के   दर्द में शामिल ...बस दुआ तुम्हारी हो 
किसी की मुस्कुराहटो में मुस्कुराती खुशी तुम्हारी हो, 

न जमीं पे न आसमान में ,रिश्ते बनते हैं दिल के जहान में !!



वंदना 

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तुम्हे जिस सच का दावा है  वो झूठा सच भी आधा है  तुम ये मान क्यूँ नहीं लेती  जो अनगढ़ी सी तहरीरें हैं  कोरे मन पर महज़ लकीर...