पथराई सी आँखों मे आँसू बो रहा है
मुझमे न जाने कौन बैठा रो रहा है
मुझसे ये मेरे ही वजूद कि लड़ाई है
मुझसे ये मेरे ही वजूद कि लड़ाई है
मैं उसको और वो मुझे खो रहा है
करीब आती हुई मंजिलों का क्या करूँ
की मेरा जूनून ऐ सफ़र खो रहा है
की मेरा जूनून ऐ सफ़र खो रहा है
न बाकी है दरिया में अब हलचल कोई
प्यासी मछलियों का दमन हो रहा है
हम कटते हुए शज़र पे छाँव को रोये
दुःख उस परिंदे का जो बेघर हो रहा है
धुंधलाने पे आ गया है अब वही चेहरा
एक उम्र आँखों के खामेजां जो रहा है
लरजती गरजती हवाओं से ये कह दो
बादल कि गोद में आज महताब सो रहा है
चल ही गये अपनी भी दुआओं के सिक्के
मुरादों में हमारी भी अब असर हो रहा है
वंदना
प्यासी मछलियों का दमन हो रहा है
हम कटते हुए शज़र पे छाँव को रोये
दुःख उस परिंदे का जो बेघर हो रहा है
धुंधलाने पे आ गया है अब वही चेहरा
एक उम्र आँखों के खामेजां जो रहा है
लरजती गरजती हवाओं से ये कह दो
बादल कि गोद में आज महताब सो रहा है
चल ही गये अपनी भी दुआओं के सिक्के
मुरादों में हमारी भी अब असर हो रहा है
वंदना