देखा था खाब हमने कि सितारे बदल गये
आँखें जब खुली तो सब नज़ारे बदल गये ..!
आँखें जब खुली तो सब नज़ारे बदल गये ..!
लहरों का मिजाज़ है.. मुड़कर नही देखना
इलज़ाम ये गलत है के किनारे बदल गये..!
अब नींदें देखती है ..सपनो के इन्द्रधनुष को
कोई बरसात गुजरी है रंग सारे बदल गये !
जिंदगी अपने सफ़र पे रहती है सदा कायम
क्या हुआ कि वक्त के जो इशारे बदल गये !
देखा था तुम्हे वंदु कभी सखियों में खेलते
ये तन्हाई बताती है शोक तुम्हारे बदल गये !
- वंदना