इस दौर को कर गया निढाल जाते जाते
ले गया है बहुत कुछ ये साल जाते जाते ..
शक्लें दीं थी जिन्होंने इस नए ज़माने को
तोड़ गया वो आईने ,ये काल जाते जाते..
तरन्नुम का हमसे जिसने तार्रुफ़ कराया था
उदास छोड़ गया ग़ज़लें ,वो बेमिशाल जाते जाते.
सच जिंदगी उम्र कि हर बंदिश से आगे है
ख़त्म हुई कैसे ये कदमताल जाते जाते..
ले गया है बहुत कुछ ये साल जाते जाते ..
शक्लें दीं थी जिन्होंने इस नए ज़माने को
तोड़ गया वो आईने ,ये काल जाते जाते..
तरन्नुम का हमसे जिसने तार्रुफ़ कराया था
उदास छोड़ गया ग़ज़लें ,वो बेमिशाल जाते जाते.
सच जिंदगी उम्र कि हर बंदिश से आगे है
ख़त्म हुई कैसे ये कदमताल जाते जाते..
दिखाए थे नए आकाश मेरी उड़ानों को
वक्त फेंक गया कैसा ये जाल जाते जाते..
- वंदना
वक्त फेंक गया कैसा ये जाल जाते जाते..
- वंदना