मौसम से कोई कै सा इशारा कर गया
नसीम ए शहर को ही आवारा कर गया
इन आँखों से गया सपने तमाम कोई
आज फिर मेरी नीदें बेसहारा कर गया
अगले हर जन्म में ये चाँद हमारा होगा
दुआ हमारे वास्ते टूटता तारा कर गया
कितने अजीब रंग में बांटी दुनिया को जिंदगी
कौन खुदा कि इनायत का बंटवारा कर गया
पानी में मिला दिया किसने वजूद आंसू का
सदा के लिए समंदर कौन खारा कर गया
- वंदना
दमदार प्रस्तुति ।
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
बहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
सुन्दर प्रस्तुति .....
ReplyDeleteअगले हर जन्म में ये चाँद हमारा होगा
ReplyDeleteदुआ हमारे वास्ते टूटता तारा कर गया ... waah
बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteपानी में मिला दिया किसने वजूद आंसू का
ReplyDeleteसदा के लिए कौन समुन्दर खारा कर गया
....वाह बहुत ही उम्दा पंक्तियाँ !
बहुत सुन्दर लिखा हें !
ReplyDeleteबहुत बढ़िया.....................
ReplyDeleteखूबसूरत रचना......
अनु
great thought!!
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