Tuesday, May 3, 2011

गीत -- हम खुद को कान्हा जीत चले ..





भा गयी हमको रीत प्रीत कि,
किया  तेरी भक्ति से प्यार ..
हम खुद को कान्हा जीत चले ,
तुम हारोगे बारम्बार .. .

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सुन रे कन्हाई मोहन प्यारे ..
पहली बार तुम राधा से हारे 
प्रीत जगाकर मन में बसाकर 
तुमने चुन लीना रे संसार .....तुम हारोगे बारम्बार 

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याद करो रे कान्हा  गोकुल कि गैय्या 
वो यमुना के तीर वो ताल तलैय्या 
मधुबन के रास वो वंशीवट कि छैय्या 
जनम जनम का कर्ज रहेगा 
सब गोपियन का प्रेम अपार ............तुम हारोगे बारम्बार 

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कहाए बांवरी एक बंजारन
सुध बुध खोयी तौरे कारन 
दुनिया के  हर जुल्म उठाये 
मीरा ने सदा  तेरे गुण गाये 

जीत लिया मीरा ने तुमको 
उसकी प्रीत लगाई पार  ...........तुम हारोगे बारम्बार 


भा गयी हमको रीत प्रीत कि ..
किया  तेरी भक्ति से प्यार ..
हम खुद को कान्हा जीत चले ..
तुम हारोगे बारम्बार ..



- वन्दना 







7 comments:

  1. tu laakh kare koi jatan kanha tum haroge ... bahut mann ko bhaye ye bhaw

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  2. बहुत प्यारा गीत .. कृष्णमय

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  3. madhur ,saras rachana ,pyari lagi .shukriya ji .

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  4. बहुत सुन्दर गीत है

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  5. Bilkul Kanha tum haroge barambaar.....Kitna guroor hai inko insaan ko bebas kar samajhte hain ye jeet gaye....Sachchi! hamesha ke jaise is baar bhi haar gaye :-)

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  6. AnonymousMay 15, 2011

    awwwwww............bohot pyaara geet hai.....kaanhaa khush ho rahe honge

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तुम्हे जिस सच का दावा है  वो झूठा सच भी आधा है  तुम ये मान क्यूँ नहीं लेती  जो अनगढ़ी सी तहरीरें हैं  कोरे मन पर महज़ लकीर...