रात में गिरती हुई बर्फ
मानो आसमा से कोई
सब सितारे समेटकर
मुट्ठी में मसलते हुए
बिखेर रहा हो ,,
कहीं सेंटाक्लोस तो नहीं ?
सफ़ेद चादर ओढ़े
चांदी सी दमकती हुई रात ...
सीने में ढंडक सी भरती
आँखों में उजाला सा करती
मानो चांदनी आज
CLOSUP टूथ पेस्ट को
Advertise करने निकली है :)
जो भी है मगर ये रात कि सफेदी
ऐसी महसूस होती है जैसे
अब तक जिस चाँद के
नूर को दूर से निहारते थे
उसकी आगोश में आज
पनाह मिल गयी हो !!
आँखों में उजाला सा करती
ReplyDeleteमानो चांदनी आज
CLOSUP टूथ पेस्ट को
Advertise करने निकली है :)
वाह ..क्या बिम्ब लायी हो ...बहुत खूबसूरत नज़्म
वाह वंदना जी
ReplyDeleteबिलकुल नया ही अंदाज़ !
प्रशंसनीय !
वंदना जी,
ReplyDeleteबर्फीली रात.......विषय बहुत अच्छा था....पर माफ़ कीजिये मुझे ये पोस्ट आपकी बाकि पोस्टों के मुकाबले में कहीं भी नज़र नहीं आई.......आपके ब्लॉग के अनुरूप नहीं लगी........नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें आपको|
वाह..closeup....
ReplyDeletehi hi hi...
सुन्दर भावाव्यक्ति।
ReplyDeleteवंदना जी
ReplyDeleteनमस्कार !
..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
bahut khoobsurat rachna.
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