ये चाँद महके ये चांदनी रात महके
आसमां में तारों कि बरात महके
यादों ने छेड़ दिए तार धडकनों के
दिल के आज सारे जज्बात महके
न अल्फाज ,जिसकी न हैं जुबाँ कोई
मेरे जहन में वही प्यारी सी बात महके
मैं पल पल यूँ ही जीता मरता रहूँ
मेरी साँसों में सदा ये सौगात महके
दूर से ही मुझे दीदार ऐ चाँद होता रहे ,
सुकून की बस यू ही ये कायनात महके
मेरे अफसानों का हर लफ्ज गूंगा हो
बस यूँ ही तेरी ..हर एक बात महके
-वन्दना
यादों ने छेड़ दिए तार धडकनों के
ReplyDeleteदिल के आज सारे जज्बात महके
खूबसूरत एहसास और भाव की रचना
मेरे अफसानों का हर लफ्ज गूंगा हो
ReplyDeleteबस यूँ ही तेरी ..हर एक बात महके
खुबसूरत शेर बधाई
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ReplyDeleteवंदना जी,
प्यार का एहसास सिर्फ खुशनसीबों को होता है। बहुत सुन्दर रचना है आपकी। मेरी और मेरे जैसे बहुत से प्यार करने वालों की भावनाओं को शब्द देती हुई।
" तेरे आने की जब खबर पहुंचे,
तेरी खुशबू से सारा घर महके। "
आभार।
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वाह कितना खुशनुमा परिवेश रचती कविता !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
ReplyDeleteTere aane ki jab khabar mahke
ReplyDeleteteri khusboo se sara ghar mehke
ye waali gazal yaad aa gai.....na jane kyon hamse nahi likhi jaat gazlen.....shayad restriction pasand nahi :-)
आपकी कविताएँ दिल खुश कर देती हैं हर बार...
ReplyDeleteग़ज़ल पढ़कर आनंद आ गया....बहुत अच्छा लिखती हैं आप
ReplyDeleteसुंदर प्रेम पगी रचना.
ReplyDeleteयादों ने छेड़ दिए तार धडकनों के
ReplyDeleteदिल के आज सारे जज्बात महके
अच्छी ग़ज़ल का पसंदीदा शेर.