Saturday, June 5, 2010


आज ले चल री निन्दियाँ

ये उड़न खटोला

चंदा के शहर में ...

मैं पलकों पे सजाने को

सितारे तोड़ लाऊँगी..

7 comments:

  1. waah bahut sundar bhav hai...


    mai palako pe sjane ko
    sitare tod laungi...

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  2. waaah...bahut sundar bhav hai,,,,


    mai palako pe sajane ko,
    sitare tod laungi..

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  3. एहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब

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  4. yaar tod lo... hamko bhi chahiye ...very good

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तुम्हे जिस सच का दावा है  वो झूठा सच भी आधा है  तुम ये मान क्यूँ नहीं लेती  जो अनगढ़ी सी तहरीरें हैं  कोरे मन पर महज़ लकीर...