महज एक इत्तेफाक
या जिंदगी कि कोई साजिश
जिस भी द्रष्टिकोण में देखूं ....
जिंदगी कि किताब के
चंद पन्ने ....जो रचे गये हैं
मेरी परिकल्पनाओं से ...
मैंने पढ़ी है जिनमे
अपने जीवन कि
रहस्यमयी सत्य कथाएं ...
जिन्हें पढ़कर जानी है मैंने
रिश्ते , दोस्ती ...जज्बात
एहसास और ...भावनाओं कि
मूल परिभाषाएं ....
समझी है..कच्ची सी ड़ोर
जैसे रिश्तो कि मजबूती ..
जो बाँध सकती है
साँसों को ब्रह्मफांस कि तरह
और रिश्तो के नाम पर
जंजीरों कि ...वो सच्चाई
जिनका अस्तित्व पतंग कि
ड़ोर से कहीं अधिक कच्चा है
इन चंद पन्नो को
जिन्हें मैं कभी कोई
वजह नहीं दे पाई
आज एक नाम देती हूँ
' अनुभव '**
जिंदगी में बेवजह होने वाली
हर एक बात कि सिर्फ
एक ही वजह होती है
जिसका नाम है
'सीख' ...और जो
वक्त कि कसौटियों
से गुजरकर ही
'अनुभव' कहलाती है !!
- वंदना
और रिश्तो के नाम पर
ReplyDeleteजंजीरों कि ...वो सच्चाई
जिनका अस्तित्व पतंग कि
ड़ोर से कहीं अधिक कच्चा है
ज़िंदगी सच ही अनुभव का नाम है ..अच्छी प्रस्तुति
वाह...बेजोड़ रचना...बधाई स्वीकारें
ReplyDeleteनीरज
ये अनुभव ही आगे आने वाले जीवन को दिशा देते हैं ... सुन्दर रचना है ...
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा वन्दना जी…………सुन्दर रचना।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाव.अनुभव का एक ताजा झॊका..
ReplyDeleteसार्थक सन्देश देती रचना....
ReplyDeleteसादर बधाई....
'अनुभव' को अपने अनुभव से बखूबी परिभाषित किया है.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा रचना.....
ReplyDeleteअनुभव पूँजी है जीवन की!
ReplyDeletelast 2 paragraphs....amazing...i'm inspired....:) :)
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