Friday, November 18, 2011

अनुभव ......!






महज एक इत्तेफाक 
या जिंदगी कि कोई साजिश 
जिस भी द्रष्टिकोण में देखूं ....
जिंदगी कि किताब के 
चंद पन्ने ....जो रचे गये हैं 
मेरी परिकल्पनाओं से ...


मैंने पढ़ी है जिनमे 
अपने जीवन कि 
रहस्यमयी सत्य कथाएं ...
जिन्हें पढ़कर जानी है मैंने 
रिश्ते , दोस्ती ...जज्बात 
एहसास और ...भावनाओं कि 
मूल परिभाषाएं ....

समझी है..कच्ची सी ड़ोर 
जैसे रिश्तो कि मजबूती ..
जो बाँध सकती  है  
साँसों को ब्रह्मफांस कि तरह 

और रिश्तो के नाम पर 
जंजीरों कि ...वो सच्चाई 
जिनका अस्तित्व पतंग कि 
ड़ोर से कहीं अधिक कच्चा है 


इन चंद पन्नो को 
जिन्हें मैं कभी कोई 
वजह नहीं दे पाई 
आज एक नाम देती हूँ 
' अनुभव '**

जिंदगी में बेवजह होने वाली
 हर एक बात कि सिर्फ 
एक ही वजह होती है 
जिसका नाम है 
'सीख'  ...और जो 
वक्त कि कसौटियों 
से गुजरकर ही 
 'अनुभव'  कहलाती  है  !! 


- वंदना 









11 comments:

  1. और रिश्तो के नाम पर
    जंजीरों कि ...वो सच्चाई
    जिनका अस्तित्व पतंग कि
    ड़ोर से कहीं अधिक कच्चा है

    ज़िंदगी सच ही अनुभव का नाम है ..अच्छी प्रस्तुति

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  2. वाह...बेजोड़ रचना...बधाई स्वीकारें

    नीरज

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  3. ये अनुभव ही आगे आने वाले जीवन को दिशा देते हैं ... सुन्दर रचना है ...

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  4. बिल्कुल सही कहा वन्दना जी…………सुन्दर रचना।

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  5. बहुत सुन्दर भाव.अनुभव का एक ताजा झॊका..

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  6. सार्थक सन्देश देती रचना....
    सादर बधाई....

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  7. 'अनुभव' को अपने अनुभव से बखूबी परिभाषित किया है.

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  8. बहुत सुन्दर

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  9. बहुत ही उम्दा रचना.....

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  10. अनुभव पूँजी है जीवन की!

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  11. last 2 paragraphs....amazing...i'm inspired....:) :)

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