ठहर जरा ओ जाते पंछी ..एक बात जरा सुनता जा
करती हूँ गुजारिश तुझसे ..फ़रियाद जरा सुनता जा
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मेरे बचपन के गलियारों कि कुछ खैर खबर तू ला दे
ले जा तू संदेसा मेरा ..बिछड़े लम्हों कि सैर करा दे
बचपन कि सब सखिया मुझको याद करती होंगी
वो भी मेरी तरह किसी पंछी से फरियाद करती होंगी
वो मेले सखियों के
वो झूले सावन के
वो रातें ख्वाबो कि
खेल उस बचपन के ...
बाबा कि सूनी बगिया के झूले मुझे बुलाते होंगे
दूर बाग़ में वो पंछी सारे अब भी गातें होंगे
आँगन में चिड़ियों का बसेरा अब भी लगता होगा
रातो में वो चाँद अकेला अब भी जगता होगा
जब जब शाम को नाचे 'मोरा
कोयल राग सुनती होगी ..
कहीं दूर आती हवाएं अब भी
मेरे नाम का पैगाम लाती होंगी
खेतो कि वो मुंडेरिया ..
मेरा रास्ता निहारती होंगी
वो कच्ची सड़क मेरे गाँव कि
मेरे कदमो को अब भी पहचानती होंगी
सुन रे पंछी ! है एक सूनी अटरिया ..तू वहाँ मत जाना
मेरे बचपन के अरमानो का उड़नखटोला
टूटकर बिखरा पड़ा होगा ! ....
ठहर जरा ओ जाते पंछी ..एक बात जरा सुनता जा
करती हूँ गुजारिश तुझसे ..फ़रियाद जरा सुनता जा !!
Bahut sunder sawan ka geet sath me bachpn kee yaden bheen. kisi naveli kee bhawanaon kee tarah.
ReplyDeleteमेले सखियों के
ReplyDeleteझूले सावन के
रातें ख्वाबो की
खेल उस बचपन के ...
बाबा की सूनी बगिया के झूले मुझे बुलाते होंगे
दूर बाग़ में पंछी सारे अब भी गातें होंगे
आँगन में चिड़ियों का बसेरा अब भी लगता होगा
रातो में चाँद अकेला अब भी जगता होगा
बहुत खूब !!
दर्द के सन्दर्भ से जुडा ..एक और संवाद..
आज़ादी की वर्षगांठ एक दर्द और गांठ का भी स्मरण कराती है ..आयें अवश्य पढ़ें
विभाजन की ६३ वीं बरसी पर आर्तनाद :कलश से यूँ गुज़रकर जब अज़ान हैं पुकारती
http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_12.html
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ....मायके में बीते पलों को बहुत खूबसूरती से उकेरा है
ReplyDeleteप्यारी सुंदर भाव लिए रचना के लिए बधाई |
ReplyDeleteआशा
बेहद उम्दा……………ये ख्यालों का पंछी तो उन वादियों मे जाना नही छोडता।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया!
ReplyDeleteइसकी चर्चा चर्चा मंच पर भी है!
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http://charchamanch.blogspot.com/2010/08/244.html
Wow...Vandana....sachchi Meri aankhe nam ho gai...bahut sundar hai.
ReplyDeleteagar tumhari voice achchi hai to ise record kar upload kar ya fir hamko send karo
bahut bahut tahe sil se shukriyaa aap sabhi ka itna pyar dene ke liye rachna ko...thnks a lotttt:)
ReplyDeleteभावभीनी पोस्ट।
ReplyDeleteआह आपकी रचना पढ़ ना जाने कितनी यादो से मिल आये हम भी...बहुत बहुत सुंदर रचना.
ReplyDeletegazab hai...you are going places....itni maturity,itni variety
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