Wednesday, February 3, 2010

[छोटा मूह बड़ी बात ]





कद्र दुनिया कि नहीं .. वक्त कि किया करो
चाह जिन्दगी कि नहीं.. जीने कि किया करो ..

आईना सच कहता है ..कहना मान कर उसका
कभी खुद से भी नजर तुम मिला लिया करो .
.
यूँ हर कदम पे .हम सफ़र को परखना चाहते हो ..
यकीं है कितना उसपर ?खुद को भी आजमा लिया करो ..

जिन्दगी में सच्चाइयो पर अडिग रहना सीख जाओगे ...
ज़माने कि खोकली रियायतों से टकरा लिया करो ...
...
मोहब्बत कि सही परिभाषा समझ आ जाएगी तुमको
एक पल उनकी आँखों में दुनिया भुलाकर रह लिया करो...

प्यार बांटना दुनिया में कोई मुश्किल का काम नहीं
बस ज़माने कि नफरते हंसकर सह लिया करो ...

अदब से तुम्हे भी मुस्कुराना आ जायेगा...
अपनी तन्हाइयो में कुछ पल उदास रह लिया करो .


यूँ हर छोटी बात पर भगवान् से बिगड़ना छूट जायेगा
सच कहती हूँ ..अपने जी कि बात माँ से कह लिया करो .

हाजरी मदीने कि चोखट पर हर रोज जरूरी नहीं
रोते बच्चे और ..पीड़ित बुजुर्गो के साथ कुछ पल रह लिया करो..
.
वंदना 1/22/2010 .


4 comments:

  1. bahut khoob.....Jeevan ka satya hai baccha koi chota muh badi baat nahi.......fabulous

    .गैरों को खुशिया बांटने कि नियत हो जाएगी ..
    अपना गम कभी बेगानों से कह लिया करो .

    yahan thoda disagree hai bas :-)

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  2. कद्र दुनिया कि नहीं .. वक्त कि किया करो
    चाह जिन्दगी कि नहीं.. जीने कि किया करो ..

    बहुत ही लाजवाब और सार्थक कहा है ........... जीने की चाह होनी चाहिए ........ जीवन तो जितना लेख में है मिलेगा ही ........

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  3. sunder rachana ... bahut pasand aayi.. radiif or kaffiye ka bahut sunder pryog kiya aap ne... or har nazm khubsurat or bhawpurn hai... sunder..

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  4. यूँ हर कदम पे .हम सफ़र को परखना चाहते हो ..
    यकीं है कितना उसपर ?खुद को भी आजमा लिया करो ..


    अदब से तुम्हे भी मुस्कुराना आ जायेगा...
    अपनी तन्हाइयो में कुछ पल उदास रह लिया करो .

    both were great....awesome work....

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तुम्हे जिस सच का दावा है  वो झूठा सच भी आधा है  तुम ये मान क्यूँ नहीं लेती  जो अनगढ़ी सी तहरीरें हैं  कोरे मन पर महज़ लकीर...