उसके हर इल्जाम को......... सराखों पर लिया हमने
यूँ तो ..मैल ए दिल सफा करना भला किसे नहीं आता
हमारी उल्फतो को कहीं वो तिजारत ना समझ बैठे
वरना नेक दिल से वफ़ा करना भला किसे नहीं आता
ऐ मोहब्बत ..................मुझे तेरे तकाजे डराते है
वरना हाल ए दिल बयां करना भला किसे नहीं आता
सच जानकर भी दिल में अपने मैंने भ्रम रहने दिया
वरना ..आईने में खुद को परखना भला किसे नहीं आता
समेट लिया खुद ही को हमने ; नहीं तो वो बिखर गए होते
किसी अपने कि गोद में फूटकर रोना भला किसे नहीं आता
पिंजरे के परिंदे को शायद निवालों का लिहाज रहा
वरना दर ए तकदीर खुला देख उड़ना भला किसे नहीं आता
यकीनन ,कलयुग कि करतूतों से भगवान् भी डरे बैठे है
वरना यहाँ पत्थर पर राम लिखना भला किसे नहीं आता
वंदना
२१ /१२/ २००९
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गीत, ग़ज़ल, नज्म ..ये सब मेरी साँसों कि डोर, महंगा पड़ेगा बज्म को मेरी खामोशियों का शोर ! --- "वन्दना"
Tuesday, December 22, 2009
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तुम्हे जिस सच का दावा है वो झूठा सच भी आधा है तुम ये मान क्यूँ नहीं लेती जो अनगढ़ी सी तहरीरें हैं कोरे मन पर महज़ लकीर...
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तुम्हे जिस सच का दावा है वो झूठा सच भी आधा है तुम ये मान क्यूँ नहीं लेती जो अनगढ़ी सी तहरीरें हैं कोरे मन पर महज़ लकीर...
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जितना खुद में सिमटते गए उतना ही हम घटते गए खुद को ना पहचान सके तो इन आईनों में बँटते गये सीमित पाठ पढ़े जीवन के उनको ही बस रटत...
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वफायें ..जफ़ाएं तय होती है इश्क में सजाएं तय होती हैं पाना खोना हैं जीवन के पहलू खुदा की रजाएं.. तय होती हैं ये माना... के गुन...
पिंजरे के परिंदे को शायद निवालों का लिहाज रहा
ReplyDeleteवरना दर ए तकदीर खुला देख उड़ना भला किसे नहीं आता
यकीनन ,कलयुग कि करतूतों से भगवान् भी डरे बैठे है
वरना पत्थर पर राम लिखना यहाँ.. भला किसे नहीं आता
SABHI COUPLET BAHUT HI KHOOBSOORAT HAI VANDAN.....BUT YE DONO BAHUT ACCHE LAGE
सच जानकर भी दिल में अपने मैंने भ्रम रहने दिया
ReplyDeleteवरना ..आईने में खुद को परखना.. भला किसे नहीं आता
bahut khoob. sunder abhivyakti.
सच जानकर भी दिल में अपने मैंने भ्रम रहने दिया
ReplyDeleteवरना ..आईने में खुद को परखना.. भला किसे नहीं आता
beautifull said...
यकीनन ,कलयुग कि करतूतों से भगवान् भी डरे बैठे है
वरना पत्थर पर राम लिखना यहाँ.. भला किसे नहीं आता
i liked dis also
good work again..:)
यकीनन ,कलयुग कि करतूतों से भगवान् भी डरे बैठे है
ReplyDeleteवरना पत्थर पर राम लिखना यहाँ.. भला किसे नहीं आता
i must inform you....i have become a fan of yours...this is all amazing...it touched me...
समेट लिया खुद ही को हमने ; नहीं तो वो बिखर गए होते
किसी अपने कि गोद में फूटकर रोना भला किसे नहीं आता
i had not been able to get such words for such feelings....i9 felt relieved after reading yours
सच जानकर भी दिल में अपने मैंने भ्रम रहने दिया
ReplyDeleteवरना ..आईने में खुद को परखना भला किसे नहीं आता
best lines... sahi hai, ham sacchai se isliye door rahna chahte hain kyonki hamewo maaloom hoti hai...